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जनवरी, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डीपसीक ने AI की दुनिया में कैसे मचाया तहलका, क्या है इसमें खास?

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 चीन का AI मॉडल deep sick चीन के स्टार्टअप डिपशिक ने AI मॉडल लॉन्च किया USA का मार्केट 3% गिरा और USA की दिग्गज कंपनी एनवीडीया के शेयर एक दिन में 17% से अधिक नीचे आ गयें।अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को सेमीकंडक्टर  निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया और कंपनियों से कहा कि लोगों को चीनी एआई मॉडल से सावधान रहना चाहिए।  चीनी एआई मॉडल अमेरिका के एआई मॉडल से बेहद सस्ता है यह पूरी तरह फ्री और ओपन सोर्स एआई मॉडल है। चीनी मॉडल कम लागत में तैयार हुआ है जबकि अमेरिका की एनवीडीया माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी कंपनियों ने बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट करके एआई मॉडल तैयार किये थे। कुछ रिपोर्टर्स ने दावा किया है कि चीन ने केवल 48.45 करोड रुपए में अपना एआई मॉडल तैयार किया है। जो अन्य अमेरिकी एआई मॉडलों से बहुत ज्यादा सस्ता है।  चीन के Al मॉडल ने एप स्टोर पर chatgpt को पछाड़ा  चीन के डिपशिक एआई कोडिंग और मैथ्स जैसे जटिल टास्क में बेहद सटीक नतीजे दे रहा है । अमेरिका और यूके में एप्पल स्टोर पर डाउनलोडिंग के मामले में यह पहले पोजीशन पर है इसने दोनों जगहopenAI के chatgpt को पछाड़ दिया है ।  ...

मच्छर जनित बीमारियां: सिर्फ मादा मच्छर ही क्यों जिम्मेदार हैं ?

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 मच्छर हमारे इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह छोटे-छोटे कीट होते हैं। लेकिन ये छोटे-से कीट इंसान को काटकर कई खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं, जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन बीमारियों के लिए केवल मादा मच्छर ही क्यों जिम्मेदार होती हैं? नर मच्छर बीमारियां क्यों नहीं फैलाते? आइए, इस सवाल का वैज्ञानिक और तार्किक उत्तर समझते हैं। मादा मच्छर ही इंसानों को क्यों काटती हैं :- मादा मच्छर इंसानों और जानवरों का खून पीती हैं, क्योंकि उन्हें प्रोटीन और आयरन की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व उनके अंडों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। मादा मच्छर में ऐसी कई जैविक संरचनाएं और प्रक्रियाएं होती हैं, जो उसे इंसान को काटने और खून चूसने में सक्षम बनाती हैं। यह प्रक्रिया उसकी प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है, क्योंकि खून चूसने से उसे अंडे विकसित करने के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।   मादा मच्छर की संरचना                        प्रोबोसिस (Proboscis) - यह मच्छर का लंबा, नुकीला और सूंड जैस...

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास एवं इसके फहराने एवं ध्वजारोहण के नियम(गणतंत्रता और स्वतंत्रता दिवस स्पेशल)

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भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का इतिहास  साल 1906 में भारत के राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना की गई थी।  1917 में होम रूल आंदोलन के दौरान एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने एक झंडा फहराया था। जो तिरंगे से मिलता जुलता था।  वर्ष 1921 में कांग्रेस के विजयवाड़ा अधिवेशन में आंध्र प्रदेश के 'पिंगली वेंकैया' ने महात्मा गांधी को एक नए ध्वज का डिज़ाइन दिखाया।  अगस्त 1931 में कांग्रेस ने अपने वार्षिक सम्मेलन में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव पारित किया।  22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।    ध्वज संहिता:-  26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया और स्वतंत्रता के कई वर्ष बाद भारत की नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्ट्रियों में न केवल राष्ट्रीय दिवस पर बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रूकावट के ध्वज फहराने की अनुमति दी गई। वर्तमान में भारतीय नागरिक राष्ट्रीय झंडे को ध्यान से कहीं भी और किसी भी समय फहरा सकते हैं।    26 jan. 2002 ध्वज संहिता के बारे में:- राष्ट्री...

ICC Champions Trophy 2025 (Indian team)

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ICC Champions Trophy 2025 :- चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से 9 मार्च के बीच पाकिस्तान और यूएई के चार शहरों में होगी। इनमें लाहौर कराची रावलपिंडी और दुबई शामिल है। इसका मेजबान देश पाकिस्तान है लेकिन इंडियन क्रिकेट बोर्ड और भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कहा कि हम भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं भेजेंगे इसलिए भारतीय टीम के सभी गेम दुबई शहर में खेले जाएंगे। शनिवार शाम को बीसीसीआई के द्वारा 15 सदस्यी भारतीय टीम का ऐलान किया गया।   इंडियन टीम शामिल प्लेयर:- वन डे वर्ल्ड       कप  2023 में खेलने वाले 11 खिलाड़ियों को मौका दिया   गया, लेकिन चार खिलाड़ी नए शामिल किए गए :- रोहित शर्मा, शुभमन गिल ,यशस्वी जयसवाल ,विराट कोहली, श्रेयअय्यर ,केएल राहुल ,ऋषभ पंत (क्रिकेट कीपर ),हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा (ऑल राउंडर),अक्षर पटेल (ऑलराउंडर),वाशिंगटन सुंदर ,कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह ,अर्शदीप सिंह (गेंदबाज) मोहम्मद शमी (गेंदबाज)।    चैंपियंस ट्रॉफी में शामिल सभी टीम :-       Group A -   पाकिस्तान,बांग्लादेश,इंडिय...

भारतीय संस्कृति और भगवान श्री गणेश

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भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में भगवान श्री गणेश का महत्व अद्वितीय है। शुभकार्य करने के पूर्व ‘‘श्रीगणेशायनमः’’ का उच्चारण किया जाता है। क्योंकि गणेश जी की आराधना हर प्रकार के विघ्नों के निवारण करने के लिए किया जाता है। क्योंकि गणेश जी विघ्नेश्वर हैं:- वक्रतुण्ड महाकाय कोटि समप्रभा। निर्विघ्नं कुरू में देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।    गणेश जी की स्तुति:- ऊँ गणानां त्वा गणपतिम् हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिम् हवामहे निधीनां त्वा निधिपतिम् हवामहे वसो मम। आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम्। ईस श्लोक से गणेश जी का आव्हान किया जाता है। भगवान श्री गणेश का जन्म प्रसंग भगवान गणेश के जन्म की कथाएं कई हैं, लेकिन सबसे प्रचलित कथाओं में से एक यह है: माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से एक मूर्ति बनाई और उसे जीवनदान दिया। यह मूर्ति गणेश जी के रूप में प्रकट हुई। जब भगवान शिव कैलाश लौटे और गणेश जी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो क्रोधित होकर शिव जी ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती के विलाप पर शिव जी ने एक हाथी का सिर गणेश जी के धड़ से जोड़ दिया और उन्हें पुनर्जीवित किया। ...